Saman Sangh Slogan

जुड़ेंगे.... जीतेंगे | जिद्द.... जुङने की | जब जुड़ेंगे... तब जीतेंगे | जितना जुड़ेंगे..... उतना जीतेंगे | सौ साल बाद जुड़ेंगे तो... सौ साल बाद जीतेंगे | जुङो और जीतो | हमारा संघ....समण संघ | समणों की क्या पहचान...ऊंचा मत्था ऊंची शान

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संघ को कैसे पहचानें-How to identify the Samana Sangha?

संघ एक होता है, संघ की शाखाएं लाखों हो सकती हैं, पर सभी संघ से जुड़ी होती हैं। अशोक के समय 16 महाजनपद का गणराज्य संघ था, जिसे "महाभारत" गणराज्य कहा गया। यही महाभारत गणराज्य संघ आज का छोटा भारत गणराज्य संघ है। India is a Democratic Republic (Union of States)। संघ को सभी मिलकर बनाते हैं। संघ में कभी भी विपक्ष नही होता है। संघ मे सिर्फ और सिर्फ संघ की विचारधारा ही चलती है। कोई भी विरोधी विचार का, संघ मे कोई भी स्थान नही होता है। यदि निम्नलिखित दस गोल्डन रुल संघ मानता है, तो वह निःसन्देह समण संघ ही है
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1. केवल समण


2. चंदा कभी नहीं


3. जाति अभ्यास कभी नहीं


4. केवल संघवाद


5. पद, प्रतिष्ठा, मंच, माला कभी नहीं


6. पंजीकरण कभी नहीं


7. संघादिसेस सबसे उपर


8. संघ राजनीति मे कभी नहीं जाऐगा


9. संघ घातक की वापसी संघ में कभी नहीं


10. उपरोक्त 9 नियम संघ का आधार हैं।


ये ना कभी बदले जाऐंगे।


ना खत्म किये जाऐंगे।


ना कभी अमान्य किये जाऐंगे।


उपरोक्त नियम संघ का आधार हैं।


समण संघ, देश का सबसे पुराना संघ माना जाता है.


समण संघ से जुड़ी कुछ बातेंः


समण संघ के लोग समता में रहने वाले 'समण-समणी' कहलाते थे.


समण संघ के नारे में कहा गया है, 'जुड़ेंगे तो जीतेंगे, बिखरेंगे तो हारेंगे'.


समण संघ में किसी नेता, पद या पदाधिकारी की ज़रूरत नहीं होती.


समण संघ में किसी तरह का चंदा, पर्ची, या शुल्क नहीं लिया जाता.


समण संघ की बैठकों में बुद्धिजीवी नागरिक शामिल होते हैं.


बैठकों में देशहित के लिए जुड़ने और जोड़ने का आह्वान किया जाता है.


बैठकों में कुरीतियों को त्यागने और पाखंड से दूर रहने का संकल्प कराया जाता है. 

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