दुनिया का पुरातन संघ...समण संघ
संघ के दस गोल्डन विनय
- केवल समण
- चंदा कभी नही
- जाति अभ्यास कभी नही
- केवल संघवाद
- पद,प्रतिष्ठा,मंच,माला, कभी नहीं
- पंजीकरण कभी नही
- संघादिसेस सबसे ऊपर
- संघ राजनीति में कभी नही जायेगा
- संघ घातक की वापसी संघ में कभी नही
- उपरोक्त 9 विनय संघ के आधार हैं
ये न कभी बदले जाएंगे, न तो अमान्य किये जाएंगे, ना तो खत्म किये जायेंगे
हमारा संघ - समण संघ
होशियार रहें! सतर्क रहें!
सर्विस सेक्टर खत्म हो रहा है। आफिस बन्द हो रहे हैं। नौकरियां खत्म हो रही हैं। मशीनी युग तेजी से बढ़ रहा है। हर सेवा के लिए मशीन आ गयी है। रिपेयर इण्डस्ट्री अब खत्म हो रही है। रिपलेसमेन्ट इण्डस्ट्री बढ़ रही है। अब कार मरम्मत का काम खत्म हो रहा है। पुरानी कार से नई कार बदली जा रही है। बड़ी बड़ी कम्पनियां आ रही है, छोटी कम्पनियां खत्म हो रही हैं। सर्विस मंहगी हो रही है। रिपलेसमेन्ट सस्ता हो रहा है। मोबाइल ठीक कराना मंहगा है, नया मोबाइल सस्ता है। मार्केट बन्द हो रहे हैं, ऑनलाइन काम बढ़ रहा है। डिलीवरी बॉय की जगह डिलीवरी ड्रोन आ रहे हैं। खनन खुदाई से लेकर जंक यार्ड तक सारा काम मशीनों द्वारा। मनुस्स की मांग खत्म। डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, कंसल्टेन्सी, टीचर सब वर्चुअल उपलब्ध । मनुस्स की कोई आवश्यकता नहीं। ना एजूकेशन, ना खाना, ना काम, ना दवाई। अनावश्यक मनुस्स खत्म हो जायेंगे।
अनावश्यक मनुस्स, जो खत्म होंगे, उनमें सबसे ज्यादा संख्या समणों की होगी, क्योंकि समणों के पास ना एडवांस तकनीकी शिक्षा है, ना जमीन है, ना इण्डस्ट्री है, ना पैसा है, ना राजनीतिक ताकत है, ना धम्मिक ताकत है, ना सांघिक ताकत है, ना विदेस में कोई सहयोग है।
एक काम जो सबसे आसानी से व तुरन्त हो सकता है, वह है सांघिक ताकत ।
सांघिक से हम पहले भी बचे हैं।
समण संघ, समणों का संघ हैं।